महात्मा गाँधी के विचार–दर्शन पर स्थापित लक्ष्मी राम नारायण विद्या संस्थान श्री रास बिहारी मिशन द्वारा सीबीएसई पाठ्यक्रमानुसार संचालित कल्याणार्थ विद्यालय है।
यह विद्या संस्थान अपनी मातृसंस्था श्री रास बिहारी मिशन की विचार तथा कार्य दृष्टि को आत्मसात करते हुए मैत्रीपूर्ण, शान्तिमय तथा सन्तुष्ट समाज के पुनर्गठन में अपना रचनात्मक तथा परिणामदायी योगदान देने हेतु निरन्तर प्रयत्नशील है। विद्या संस्थान का विश्वास है कि ज्ञान सर्जना का शाश्वत उपकरण है, जो दुःख, क्लेश तथा ध्वंस को समाप्त करने की शक्ति रखता है। इसलिए यह विद्या संस्थान धैर्य, श्रम तथा समर्पण के साथ सम्पूर्ण समाज के लिए शिक्षा के समुचित अवसर, साधन तथा वातावरण की व्यवस्था कर रहा है।
वर्त्तमान में, लक्ष्मी राम नारायण विद्या संस्थान तथा इसकी मातृसंस्था श्री रास बिहारी मिशन यह प्रयत्न कर रही है कि इसी दर्शन के साथ विभिन्न स्थानों पर विद्या संस्थानों की स्थापना की जाए तथा प्रत्येक विद्या संस्थान में समाज से सहयोग की सकारात्मक आशा के साथ न्यूनतम 1000 साधनहीन विद्यार्थियों के पठन–पाठन की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। विद्या संस्थान समाज के सभी सक्षम व्यक्तियों से इस महान उद्देश्य में यथाशक्ति सहयोग का आह्वान भी करता है।
सर्वोत्तम शिक्षा वह नहीं है जो केवल सूचनाएँ प्रदान करती है बल्कि वो है जो हमारे जीवन को सभी प्राणियों के साथ सौहार्दपूर्ण सहअस्तित्व सिखाती है।
शिक्षा की भूमिका गहराई से और तार्किकता से सोचना सिखाना है। बुद्धिमत्ता और चरित्र का मेल सच्ची शिक्षा का उद्देश्य होता है।
शिक्षा वो है जो स्कूल में पढ़ाई गयी बातों को भूल जाने पर शेष रहती है।
अच्छा जीवन प्रेम से प्रेरित और ज्ञान से संचालित होता है।
मेरे अनुसार मानव मुक्ति की एकमात्र आशा शिक्षण में निहित है।
शिक्षा सबसे प्रभावी हथियार है जिसे आप दुनिया बदलने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं।