हमारे विद्यार्थी पाठ तथा पाठ्यक्रम से दूर भी प्रकृति की गोद में अपनी अभिरुचि तथा प्रतिभा के साथ बहुत कुछ सीखते हैं। एक सहृदय मानव बनने की प्रक्रिया में, वे एक नवोन्मेषी विद्यार्थी, सहयोगी मित्र, सहिष्णु नागरिक तथा और भी बहुत कुछ बनते जाते हैं।
सामुदायिक सेवा महात्मा गाँधी के जीवन–दर्शन को शिक्षा के माध्यम से समाज में पुनर्स्थापित करने हेतु प्रयत्नशील लक्ष्मी राम नारायण विद्या संस्थान की स्थापना के आधारभूत मूल्यों में से सर्वाधिक महत्वपूर्ण मूल्य है। विद्या संस्थान का आन्तरिक शिष्टाचार तथा व्यवहार ऐसे वातावरण का निर्माण करता है, जहाँ प्रारम्भ से ही विद्यार्थियों के हृदय में करुणा, सेवा तथा सहिष्णुता की भावना स्थायी रूप से विकसित होती हैं। विद्या संस्थान अपने विद्यार्थियों को सामुदायिक सेवाकार्यों में भाग लेने का अवसर देता है तथा उन्हें विद्या संस्थान से बाहर भी इन कार्यों में भाग लेने हेतु प्रोत्साहित करता है।