महात्मा गाँधी के विचार–दर्शन पर स्थापित लक्ष्मी राम नारायण विद्या संस्थान श्री रास बिहारी मिशन द्वारा सीबीएसई पाठ्यक्रमानुसार संचालित कल्याणार्थ विद्यालय है।
लक्ष्मी राम नारायण विद्या संस्थान इसके संस्थापक, डॉ. अमरेन्द्र नारायण चौधरी के दादाजी श्रद्धेय राम नारायण चौधरी तथा दादीजी श्रद्धेया लक्ष्मी देवी की पुण्यस्मृति को समर्पित है। राम नारायण चौधरी महात्मा गाँधी के अनुयायी थे तथा उन्होंने भारत के स्वतंत्रता–संग्राम में भाग लिया था। महात्मा गाँधी के आह्वान पर राष्ट्रीय आन्दोलन में सक्रिय रूप से जुड़ने के लिए उन्होंने अधिवक्ता के अपने सफल पेशे को छोड़ दिया। उन्होंने एक वर्ष से अधिक अवधि ब्रिटिश कैद में बिताई। स्वतंत्रता के बाद उन्होंने अपना जीवन सामाजिक कार्यों में समर्पित कर दिया। उन्होंने भागलपुर लोकल बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में भी अपनी सेवाएँ दी। लक्ष्मी देवी सशक्त–नारी की प्रतिमान थी तथा वे नारी–शिक्षा की भी प्रबल समर्थक थीं। उन्होंने अपने पति के साथ स्वतन्त्रता–संग्राम में भी भाग लिया था। राष्ट्रीय आन्दोलन में उनके पति तथा पुत्र की सक्रियता के कारण उन्होंने ब्रिटिश पुलिस का दमन भी झेला था।
डॉ. अमरेन्द्र नारायण चौधरी भागलपुर के प्रसिद्ध चिकित्सक हैं तथा जवाहरलाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल में सह–प्राध्यापक के रूप में सेवारत हैं। डॉ. सुजाता चौधरी वरिष्ठ हिन्दी साहित्यकार तथा बच्चों की शिक्षा एवं स्त्रियों के सशक्तिकरण में संलग्न साधारण जीवनशैली वाली एक अघोषित सामाजिक कार्यकर्त्ता हैं। महात्मा गाँधी के जीवन तथा कार्यों पर कई महत्वपूर्ण पुस्तकें लिख चुकी डॉ. सुजाता भारत के स्वतंत्रता संग्राम की वैचारिक विरासत को आगे बढ़ाने वाले कई संगठनों की नेतृत्वकारी भूमिका में हैं।
लक्ष्मी राम नारायण विद्या संस्थान का संचालन वर्ष में स्थापित कल्याणार्थ न्यास श्री रास बिहारी मिशन, भागलपुर द्वारा किया जाता है। मिशन द्वारा इसकी शिक्षा–योजना के अन्तर्गत इस विद्या संस्थान के अतिरिक्त सुशीला इन्द्रदेव शर्मा विद्या संस्थान, समस्तीपुर का भी संचालन किया जाता है।