हमारे विद्यार्थी पाठ तथा पाठ्यक्रम से दूर भी प्रकृति की गोद में अपनी अभिरुचि तथा प्रतिभा के साथ बहुत कुछ सीखते हैं। एक सहृदय मानव बनने की प्रक्रिया में, वे एक नवोन्मेषी विद्यार्थी, सहयोगी मित्र, सहिष्णु नागरिक तथा और भी बहुत कुछ बनते जाते हैं।
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Independent day holiday start from 10-20-2021
सह–पाठ्यक्रम गतिविधियाँ विद्या संस्थान के विद्यार्थियों को उनकी विशिष्ट अभिरुचि, चिन्तनशीलता तथा सृजनात्मकता से साक्षात्कार को महत्वपूर्ण दिशा प्रदान करती हैं। इन गतिविधियों में सामूहिक रूप से नियमित भाग लेकर उनमें सहिष्णुता की भावना, श्रम की प्रतिष्ठा तथा व्यक्ति की गरिमा का बोध पैदा होता है। साहित्य, कला, विज्ञान, प्रदर्शकला आदि से सम्बन्धित विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से हम विद्यार्थियों को नेतृत्व, नवाचार तथा निपुणता से पूर्ण बनाते हैं। इन गतिविधियों के आयोजन के लिए विद्या संस्थान ने विद्यार्थियों के आयुवर्ग, अभिरुचि, बौद्धिक परिपक्वता तथा विषय को ध्यान में रखते हुए अलग–अलग समूहों का गठन किया है।
सामुदायिक सेवा महात्मा गाँधी के जीवन–दर्शन को शिक्षा के माध्यम से समाज में पुनर्स्थापित करने हेतु प्रयत्नशील लक्ष्मी राम नारायण विद्या संस्थान की स्थापना के आधारभूत मूल्यों में से सर्वाधिक महत्वपूर्ण मूल्य है। विद्या संस्थान का आन्तरिक शिष्टाचार तथा व्यवहार ऐसे वातावरण का निर्माण करता है, जहाँ प्रारम्भ से ही विद्यार्थियों के हृदय में करुणा, सेवा तथा सहिष्णुता की भावना स्थायी रूप से विकसित होती हैं। विद्या संस्थान अपने विद्यार्थियों को सामुदायिक सेवाकार्यों में भाग लेने का अवसर देता है तथा उन्हें विद्या संस्थान से बाहर भी इन कार्यों में भाग लेने हेतु प्रोत्साहित करता है।
प्रायोगिक अनुभव सूचना को ज्ञान में परिवर्तित कर उसे स्थायी बनाते हैं तथा प्रयोगों के क्रम में नवोन्मेषी रचनात्मकता को बल मिलता है। विद्या संस्थान के पास विभिन्न पाठ्यक्रमों तथा कक्षाओं की आवश्यकतानुसार अनुकूल उपकरणों के साथ भौतिकी, रसायन तथा जीव विज्ञान की प्रायोगिक कक्षाओं तथा स्वतंत्र क्रियाकलापों के लिए बहुत सुसज्जित प्रयोगशालाएँ हैं। प्रयोगशालाओं को उपयुक्त वेंटिलेशन व्यवस्था के साथ सुरक्षा प्रावधानों को ध्यान में रखते हुए स्थापित किया गया है। प्रायोगिक कक्षाओं के क्रम में विद्यार्थियों को उपकरणों का सुरक्षित संचालन, डाटा संग्रहण तथा विश्लेषण आदि के अनुभवजन्य कौशल सिखाए जाते हैं। उन्हें प्रयोग की सुरक्षित पद्धतियाँ तथा प्रयोगशाला शिष्टाचार के बारे में भी बताया जाता है।
सूचना प्रौद्योगिकी तथा कृत्रिमता बुद्धिमत्ता के इस युग में कम्प्यूटर एक अनिवार्य आवश्यकता बन चुकी है। इसके महत्व को ध्यान में रखते हुए विद्या संस्थान ने नवीन तकीनीकी सक्षम तथा उपयोगकर्त्ता के अनुकूल 30 कम्प्यूटरों तथा सहायक उपकरणों से सुसज्जित आधुनिक कम्प्यूटर प्रयोगशाला स्थापित की है, जिसमें 'एक विद्यार्थी–एक कम्प्यूटर' के आधार पर कक्षा पंचम से कक्षा दशम् तक के विद्यार्थियों को कम्प्यूटर विज्ञान विषय की सैद्धान्तिक कक्षाओं के बाद प्रायोगिक कक्षा तथा प्रशिक्षण संचालित किया जाता है। पाठ्यक्रमानुसार कम्प्यूटर के विभिन्न अनुप्रयोगों के नियमित प्रशिक्षण से विद्यर्थियों में तकनीक के सुरक्षित तथा उत्पादक संचालन का विश्वास बढ़ता है। हमारा उद्देश्य है कि हम सूचना प्रौद्योगिकी की ओर झुकाव रखने वाले अपने विद्यार्थियों को वैश्विक प्रतिस्पर्धी वातावरण में भी मानवीय गुणों से युक्त सम्वेदनशील उद्यमी के रूप में निर्मित करें। इसलिए उनकी कक्षाओं तथा कार्यशालाओं के क्रम में प्रौद्योगिकी के समाज तथा पर्यावरण के हित में उत्पादक प्रयोग पर बल दिया जाता है।